बात राजा भारमल कछवाहे री
राज भारमल आमेर राज करै। चुहड़ खान बिलोच आठ हजार बिलोच ले -अर चाटसू आय बैठ्यो। कहै चाट्सू म्हारो बसणो छे। धरती कीं री ? धरती मांटिया-री छे। ईं भांति धरती चौगिरद धो पटे ,खावे। इयुं करतां बांहतर रा बड गुजर माचेडी पाय तख्त ,राजा ईशरदास राज करै। ईसरदास कह्यो -चुहड़ खान ! आव म्हारे साथै ,तोनू पाँच लाख रुपया देस्युं। ताहरां चुहड़ खान आय बड गुजर भेलो हुयो। च्यार हजार सूं बड गुजर आया। बारह हजार सूं चढ़ अर ढूंढाड रै कांठे आय उतरिया। आदमी परधान मेलिया। राज भारमल नूं कह -बेटी परणा ईसरदास नूं ,कै पाँच लाख रिपया पेस द्यो ,कै लड़ाई करो। तीनों थोकां में जाणो सो करो।
ताहरां विचार हुवो। बड़ा बड़ा कछवाह बुलाया। बीजो ही नानो मोटो कछवाहो बुलायो। एकठा करि नै बात पूछी -ठाकरां ! सहु को सांभलो ,म्हे ढूढाड रा राजा ,थे ढुंढाड रा उमराव। कटक आयो विचार करो। सहू को कहण लागा ,तांहरां राजा भारमल बोलिया -ऊदोजी ! थे बडेरा छो ,थे कहो सो करां। तांहरा ऊदो बोलियों -माहराज ! म्हे पुछण सिरखा रहिया नही ,हूँ ऒलद रो कणवारियो !
ताहरां राजा कह्यो -सो ऊदाजी ! मांह नू चूक छ। तांहरां ऊदो बोलियो - महाराज ! म्हारो कहियो कि जाणो करो कि न करो ? तांहरा राजा भारमल बोलियो - थारो कहियो मेंह करस्यां। ताहरां ऊदो बोल्यो -महाराज ! मांचेडी रा बड गुजरां नूं राजा भारमल री बेटी न द्यो अर दंड पण न दयो।, लड़ाई करस्यां ,अर महाराजा ! परमेसर भलो करसी। राजा खुस्याल हुवो। तांहरां राजा बोलियो -किसी तरह लड़ाई करस्यो ? ताहारां कहियो -माहराज तो वांसै रहो ,महँ कटक त्राणतो ले जावस्यां ,कहण सुणण नूं होसी राजा वांसै छ।
ताहरां लड़ाई रो कहाडियो - बेगा आवो ,लड़स्यां। बड़ा सनध बंध फोज करी ,दे मुंहडा आगे अराबा , बेव फौजां आयी। संघट्ट हुयो छे , जाणे आसाढ़ री घटा आइ संप्राप्त हुई छे। एक ऐराकी पूरी पाखरी करी ,जोगेंद्र रूप करि ,घोड़े असवार ऊदो हुवो फौज हूँ आगे आसमान जाय लाग्यो छे। अराबा तैयार हुवै छे ,छुटा नही छे , छूट छूट हुई कर रह्या छे।
तीसी समय बलभद्र पिरथिराजोत नू कहे छे ऊदो - आज ढुंढाड रै काम नू , राजा भारमल रै काम नू ,आ देह , आम्बेर निमित ऊदो देह भांजे छ ,अर इसो माहरो सूरातन ,अर स्याम धर्म माहरो आज इसो छ.जीको मांड रो धणी छे।
राज भारमल आमेर राज करै। चुहड़ खान बिलोच आठ हजार बिलोच ले -अर चाटसू आय बैठ्यो। कहै चाट्सू म्हारो बसणो छे। धरती कीं री ? धरती मांटिया-री छे। ईं भांति धरती चौगिरद धो पटे ,खावे। इयुं करतां बांहतर रा बड गुजर माचेडी पाय तख्त ,राजा ईशरदास राज करै। ईसरदास कह्यो -चुहड़ खान ! आव म्हारे साथै ,तोनू पाँच लाख रुपया देस्युं। ताहरां चुहड़ खान आय बड गुजर भेलो हुयो। च्यार हजार सूं बड गुजर आया। बारह हजार सूं चढ़ अर ढूंढाड रै कांठे आय उतरिया। आदमी परधान मेलिया। राज भारमल नूं कह -बेटी परणा ईसरदास नूं ,कै पाँच लाख रिपया पेस द्यो ,कै लड़ाई करो। तीनों थोकां में जाणो सो करो।
ताहरां विचार हुवो। बड़ा बड़ा कछवाह बुलाया। बीजो ही नानो मोटो कछवाहो बुलायो। एकठा करि नै बात पूछी -ठाकरां ! सहु को सांभलो ,म्हे ढूढाड रा राजा ,थे ढुंढाड रा उमराव। कटक आयो विचार करो। सहू को कहण लागा ,तांहरां राजा भारमल बोलिया -ऊदोजी ! थे बडेरा छो ,थे कहो सो करां। तांहरा ऊदो बोलियों -माहराज ! म्हे पुछण सिरखा रहिया नही ,हूँ ऒलद रो कणवारियो !
ताहरां राजा कह्यो -सो ऊदाजी ! मांह नू चूक छ। तांहरां ऊदो बोलियो - महाराज ! म्हारो कहियो कि जाणो करो कि न करो ? तांहरा राजा भारमल बोलियो - थारो कहियो मेंह करस्यां। ताहरां ऊदो बोल्यो -महाराज ! मांचेडी रा बड गुजरां नूं राजा भारमल री बेटी न द्यो अर दंड पण न दयो।, लड़ाई करस्यां ,अर महाराजा ! परमेसर भलो करसी। राजा खुस्याल हुवो। तांहरां राजा बोलियो -किसी तरह लड़ाई करस्यो ? ताहारां कहियो -माहराज तो वांसै रहो ,महँ कटक त्राणतो ले जावस्यां ,कहण सुणण नूं होसी राजा वांसै छ।
ताहरां लड़ाई रो कहाडियो - बेगा आवो ,लड़स्यां। बड़ा सनध बंध फोज करी ,दे मुंहडा आगे अराबा , बेव फौजां आयी। संघट्ट हुयो छे , जाणे आसाढ़ री घटा आइ संप्राप्त हुई छे। एक ऐराकी पूरी पाखरी करी ,जोगेंद्र रूप करि ,घोड़े असवार ऊदो हुवो फौज हूँ आगे आसमान जाय लाग्यो छे। अराबा तैयार हुवै छे ,छुटा नही छे , छूट छूट हुई कर रह्या छे।
तीसी समय बलभद्र पिरथिराजोत नू कहे छे ऊदो - आज ढुंढाड रै काम नू , राजा भारमल रै काम नू ,आ देह , आम्बेर निमित ऊदो देह भांजे छ ,अर इसो माहरो सूरातन ,अर स्याम धर्म माहरो आज इसो छ.जीको मांड रो धणी छे।
वाह सा ! शानदार ऐतिहासिक जानकारी !!
ReplyDelete