भीड़ बैरी जुध भागिया, रंग भाटी सैतान !!
आजादी तांई लड़णिया सुतंत्रता सेनाणिया पर भी आप री कलम चाली गाँधी , नेहरु आदि पर भी आप लिख्यो . नेहरूजी देवलोक हुयगा आप नै उणा री मौत रो धको लाग्यो
आप उणारा मरसिया ( पिछोला ) लिख्या :-
त्राता भारत भोम रो , भ्राता दीन जनान !
मानव अब ढूंढा कठे, नेहरु जस्यो महान !!
बीते सतक अनेक , न्र नामी निपजे धरा !
नेहरु सो कोई एक , जननी लाखां में जणे !!
राजस्थानी भासा में आप भगती , नीति आद संदर्भ रा दूहा सोरठा भी लिख्या :-
क्षण भंगुर इण देह रो , मोह करै सो मूढ़ !
जीव अमर अंस ईस रो , वरणो अरथ अगूढ़ !!
प्रारब्ध रा ऐ करम , अवस मेव भोगण पडे !
जो समझे ओ मरम , सुख दुःख नै सम जाणलै !!
आप रै संस्मरण में भी आप राजस्थानी भासा नै भूल्या कोनी पाछा री बाता याद करता लिखे :-
ताता चढ़ तुरंग , सूरां माथे दोड़ता !
बीत्या दिन बै रंग , अब पाछा नही आवसी !!
आप राजस्थान अर राजस्थानी साहित पर घणा शोध लेख भी लिख्या जो भोत सी पत्रिकावा में छपीज्या . आप रा अह्डा प्रमुख लेखां में राजस्थानी साहित में नीति बोध , कृपा राम खिडिया और उन की रचनाये
वित सारु दत बाँटज्यो, चबुकां तणी चोटा, डिंगल साहित्य रा एक झमालिया छन्द, राजस्थानी साहित्य में भक्ति रस और श्रीकृष्ण ,राजस्थानी दोहे ,राजरूपक ठाकरां सुजाण सिघ रो बारठ मेघराज रो कहियो -एक परिचय , राजस्थानी नारी ,शेखावाटी के इतिहासिक प्रवाद , राजस्थानी साहित्य में शक्ति , भुरजाल भुसण आदि गीणाया जा सके है.
इतिहासकार का रूप में
सुरजनसिंह आपरै बखत रा नामी इतिहासकार रैया . आप री जितरी पैठ साहित में हीज उतनी हीज इतिहास में हीज. इतिहास रा पारखी पं. गोरीशंकर हिराचंद ओझा ,हरिविलास शारदा ,
डॉ. दशरथ शर्मा रै इतिहासां री आप पर घणी छाप पड़ी. शोधपरक इतिहास री कांई पिछाण होवै अ बातां आप इण इतिहासकारा री पोथ्याँ सूं सीखी अर सेखवाटी रै इतिहास पर कई पोथ्याँ
लिख'र शेखावाटी रो इतिहास उजागर करयो.आप री इतिहास री पोथ्याँ में ऊंड़ो चितन -मनन अर शोधपरक दृष्टी लखावे. १९७२ में जद आप सेखा पोथी लिखी तद सूं हीज म्हारो इण सूं
सम्पर्क जुड्यो. आप म्हने गुरु री तरियां हीज इतिहास लिखण रो मारग दिखायो जिण सूं मैं भी कीं लिखण रै जोग हुयो .आप री पैली पोथी 'राव शेखा ' १९७२ में छपी जिण नै कई विद्वाना
सराही. इणरै पाछे तो इण पोथी रा दो प्रकासण फेरूँ होयगा. इण पोथी मै शेखावाटी रा संस्थापक राव सेखा रो जीवन चरित लिखिज्यो .
इतिहास री आप री दूजी पोथी मांढण युद्ध छपीज्यो . आप इण रो संपादन करयो. १८३८ वि. में मिठूलाल री लिखी आ पोथी पुराणी लिखावट रै कारण
घणकरा लोगां सूं पढीजी ही कोनी. आप घणो सरम कर'र इण पोथी नै पढ़ी अर फेरूँ संपादन करयो .१८३२ वि. में मांढण नाम रै थान पर शेखावातां अर दिल्ली
रा शाही फौज रै बीच जबरदस्त जंग हुयो जिण रो सांगोपांग लेखो जोखो इण पोथी में मिले .
१९८४ में आपरो नवलगढ़ रो इतिहास छप्यो. सेखावाटी री भोत सी घटनांवां इण इतिहास रै पढ़ण सूं जाणी जा सकै है . १९८६ में आप री सोधपक इतिहास रीपोथी ( शेखावाटी प्रदेश का प्राचीन इतिहास ) छप्यो. आज तांई सेखावाटी रै पुराणे इतिहास पर अहेडी पोथी कोनी लिखिजी . आप समै री गहराई में गोता लगाय'र इतिहास रा मोती काढ'र आपरी इण पोथी रूपी माला में पिरोयो .
आपरी अगली पोथी राजा रायसल दरबारी १९९० में छपीजी खंडेला रा राजा रायसल दरबारी आप रै बखत रा ऊदभट्ट यौधाअर कूटनीति में प्रवीण हा .फारसी रीपोथ्याँ , राजस्थानी ख्यातां, कहावतां, बातां, फरमाना आदि रै आधार पर लिखी आ पोथी रायसल दरबारी रै पूरे चरित नै उजागर करै.
इण पोथी रै फेरूँ महान क्रांतिकारी राव गोपाल सिंह खरवा पर आप पोथी रची . खरवा ठिकाने में आप राव साब कने रैया , इतिहास मेंआँख्यां देखी बातां रै बराबर तो तो और कांई प्रमाणिक हुवे .
आपने राव सा'ब री घटनावां,उणारै जीवन रा करतब सै आँख्या देख्या. इण वास्ते आ पोथी तो अनूठी है ही .आ पोथी सिर्फ राव सा'ब रै चरित न ही उजागर कोनी करै उण बगत रा
भोत सा क्रांतिकारिय रै जीवन चरित न भी उजागर करे .केशरी सिंह बारहठ, प्रताप सिंह, जोरावर सिंह, विजय सिंह पथिक ,अर्जुन लाल सेठी , दामोदर राठी ,रास बिहारी बोस आदि
क्रांतिकारिया री चोखी जाणकारी इण पोथी सूं मिले . इण पोथी रो प्रकासन आयुवन स्मृति संसथान जयपुर १९९६ में करयो.
इण सूं पैली एक आपरी एक पोथी सेखावाटी रै शिलालेखा पर छपी. सेखावाटी रै इतिहास पर कलम चलाणिया लेखकां नै इण पोथी सूं घणी मदद मिलै. तीसरी सदी
बी. सी सूं लेर १६ वीं सदी तक रा शिलालेखा रो सम्पादन इण पोथी मै मिलै.
इतिहास री पोथ्याँ मै आप री आगली पोथी खरवा को इतिहास १९९८ मै छपी .आ पोथी खरवा रो इतिहास पाठकां रै सामने हाजिर करै . इतिहास री आगली पोथी 'खंडेला
ka वृहत इतिहास '१९९९ में छपी . आ पोथी शेखावाटी रै इतिहास रो एक खजानों कहियो जा सके है.