Sunday, February 10, 2013

ठाकुर भूर सिंह जी मलसीसर अपने ज़माने के ख्याति नामा व्यक्ति हुए हैं। महाराणा फतह सिंघजी को दिल्ली दरबार में न शामिल होने के लिए प्रेरित करने वाले चेतावनी के चूँटीये श्री केशरी सिंह बारहठ ने मलसिसर हाउस में इस सम्बन्ध में हुई बैठक के बाद ही लिखे थे।

इन की मृत्यु पर केशरी सिंह जी नो मर्सिया कहा वह इस प्रकार है।

क्षात्र तेज डूब्यो वीर चरित्र कहानी भये,
बिरले ही देखे जो जहान जस लूटिगो !
अंध आसमान में कचित पन्थ दर्शक हैं,
उन्ही में मुख्य वो सितारों आज टूटिगो !!
काव्य इतिहास धर्म धर्य को खजाना वह ,
निति द्क्ष पक्ष असाहयन को खुटिगो !
भूरके सिधाते यह प्रगट प्रमन्यो जात ,
राजपूत जाती पे विधाता सत्य रुठ्गो !!

Shekhawat Madan Singh of Jhajhar: फुटकर राजस्थानी दोहे

Shekhawat Madan Singh of Jhajhar: फुटकर राजस्थानी दोहे: वेद पढो जोतिग पढो ,चतुराई समरथ। मेह मोत अर रिजक को, कागद साईं हाथ।। 1 भावार्थ;  कितने ही वेद व ज्योतिष के जानकर हों ,चतुर व समर्थ हो, कि...