आज के बेटे -रचियता श्री धौंकल सिंह जी चरला
बाप कहता है -
ऐ बहु बेटा आज रा ,जीव तणा जंजाल।
बेटा सूं भली ,जड़ कद लेय संभाल।।
ऐ बहु बेटा आज रा ,घर नै समझे सराय।
आवै रैवै दोय दिन ,फुर सूं हुवै फरार।।
अ बेटोजी आज रा ,झूठो काड कसूर।
माँ बापां नै छोड़ कर ,रहाणो चावै दूर।।
अ बेटोजी आज रा ,गिने न भाई भैंण।
मीठा बोलै सासरै ,घर मैं खारा बैंण।।
अ बेटो जी आज रा ,जोरू तणा गुलाम।
सारै न उठणो बैठणो , बीबी हाथ लगाम।।
छोड़ो आस ओलाद री ,खींचो आपो आप।
दोष जमाना ने घणो ,बेटा बणग्या बाप।।
बेटा कहता है -
बुरा बुरा दुनिया कहवे ,बुरा न देख्या कोय।
घर मैं बूढ़ा बाप सूं ,जग में बुरो न कोय।।
हाण ढली हिम्मत हटी ,रहग्यो खाली रोष।
आवै भटका लारला , दे बेटां न दोष।।
बैठे हाट बाजार मै ,राखै एको गीत।
बहु बेटां नै भुंडणो , आ बूढ़ां री रीत।।
काम करै न करण दे ,कह्यो न मानै एक।
करै बखाण विगत रा ,राखै झूठी टेक।।
चोडे बैठ 'र चौखला ,देवै घर रो पोत।
छाने री चौड़े करै ,आव न आनै मोत।।
बाप कहता है -
ऐ बहु बेटा आज रा ,जीव तणा जंजाल।
बेटा सूं भली ,जड़ कद लेय संभाल।।
ऐ बहु बेटा आज रा ,घर नै समझे सराय।
आवै रैवै दोय दिन ,फुर सूं हुवै फरार।।
अ बेटोजी आज रा ,झूठो काड कसूर।
माँ बापां नै छोड़ कर ,रहाणो चावै दूर।।
अ बेटोजी आज रा ,गिने न भाई भैंण।
मीठा बोलै सासरै ,घर मैं खारा बैंण।।
अ बेटो जी आज रा ,जोरू तणा गुलाम।
सारै न उठणो बैठणो , बीबी हाथ लगाम।।
छोड़ो आस ओलाद री ,खींचो आपो आप।
दोष जमाना ने घणो ,बेटा बणग्या बाप।।
बेटा कहता है -
बुरा बुरा दुनिया कहवे ,बुरा न देख्या कोय।
घर मैं बूढ़ा बाप सूं ,जग में बुरो न कोय।।
हाण ढली हिम्मत हटी ,रहग्यो खाली रोष।
आवै भटका लारला , दे बेटां न दोष।।
बैठे हाट बाजार मै ,राखै एको गीत।
बहु बेटां नै भुंडणो , आ बूढ़ां री रीत।।
काम करै न करण दे ,कह्यो न मानै एक।
करै बखाण विगत रा ,राखै झूठी टेक।।
चोडे बैठ 'र चौखला ,देवै घर रो पोत।
छाने री चौड़े करै ,आव न आनै मोत।।
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