Tuesday, May 29, 2012

प्रथ्विराज राठौर बीकानेर व अकबर के बीच महाराणा प्रताप को लेकर जो वार्तालाप हुआ उसकी जानकारी जब प्र्थिविराज जी की राणी भटयानीजी चंपादे को मिली तो उन्होंने कहा "
"पति जिद की पातसाह सूं,येम सुनी मै आज.
कंह अकबर पातल कंह ,किधो बड़ो अकाज."
भटियानीजी को आश्वस्त करते हुए प्रथ्विराज जी ने कहा .
"जब ते सुने है बैन तबते न मोको चैन ,
पाती पढ़ नेक न विलम्ब लगओगो !
लेके जमदूत से समस्त रजपूत आज,
आगरे में आठों याम उधम मचावगो !
कहे प्रथ्वीराज प्रिय नेक उर धीर धरो ,
चिरंजीवी राणाश्री मलेचन न भगावगो !
मन को मरद मानी प्रबल प्रतापसी ,
बबर ज्यों तडफ अकबर पे आवेगो !"

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