Wednesday, August 20, 2014

एक कहावत है " ज्यांका मरग्या बादशाह ,रुलता फिरै वजीर "  इसी से मिलता जुलता एक दोहा है -

थारा मरग्या बादशाह ,म्हारा मरया वजीर।
आये नंदा घर करां , पड़ै जगत में सीर।।

इसकी कहानी इस प्रकार है - चिड़ावा के सेठों की एक बरात हिसार जा रही थी लेकिन बरात वालों ने यह सुन रखा था कि हिसार में नंदा नामकी एक ब्राह्मणी बड़ी चालाक है व किसी बरात को टिकने नही देती। इधर चिड़ावा में भी समो तेली की भी बड़ी प्रसिद्धि थी सो लड़के के बाप ने समो तेली को बरात में साथ ले लिया किन्तु उसके पैरों में नाहरवे निकले हुए थे सो खाट में सुला कर ले गये। जब बारात हिसार पंहुची तो नन्दो ने समो को खाट में देख कर कहा :-

बामण आया बाणिया आया और आया जाट।
मैं तूने बुझूं समा तेली , क्यों कढ़ाई खाट।।

समो ने कहा :-

तूं बैदां की बैदनी ,तूं बैदां की जोय।
म्हारै निकल्या नाहरवा ,बेग नाख खोय।।

तब नन्दो ने जवाब दिया :-

नहारू कै दारु नही ,ये है कच्चा कोढ़।
म्हारा मरग्या बादस्या ,जड़ देई बैदंगी छोड़।।

इस पर समा तेली ने कहा :-

थारा मरग्या बादस्या ,म्हारा मरग्या वजीर।
आये नन्दो घर करां ,पड़ै जगत में सीर।।

इतना सुनते ही नन्दो शर्मा कर भाग गयी।  

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