Sunday, June 22, 2014

मिर्जा राजा जय सिंह का पत्र

 हिन्दू धर्म कैसे इस देश में बचा इसको समझने के लिए राजपूत इतिहास का गहन अध्ययन आवश्यक है और उसके साथ ही इस अध्ययन को  निसपक्ष विद्वानो द्वारा कराया जाना चाहिए। मैंने राजा मान सिंह जी के बारे में पढ़ा तो समझमे आया की मुगलों को अफगानों के विरुद्ध कर उन्होंने बड़ा काम किया। अभी मिर्जा राजा जय सिंह का एक पत्र जसवंत सिंघजी जोधपुर को लिखा पढ़ रहा था। बहुत ही महत्वपूर्ण है और यह सारी सोच ही इस देश में हिन्दुओं को बचा पायी।  
मिर्जा राजा का पत्र इस प्रकार है :-
" आपको इस में क्या लाभ हो सकता है कि इस मंद भाग्य राजकुमार को साहयता देने का प्रयास आप करे ? इस कार्य में लगने में आपका और आपके परिवार का नाश अवश्यंभावी है। इस प्रकार दारा के हितों को भी कोई लाभ न होगा। ओरंगजेब कभी आपको क्षमा नही करेगा। मैं स्वयं राजा हूँ और शपथ पूर्वक विनय करता हूँ कि राजपूतों का रक्त न बहाये। इस आशा में प्रवाहित न हो जाएं कि दूसरे राजाओं को आप अपने दल में मिला लेंगे ,क्यों की ऐसे किसी प्रयास का प्रतिकार करने के साधन मेरे पास हैं। इस कार्य से समस्त हिन्दुओं का संबंध है और आप को वह अग्नि प्रदीप्त करने की अनुमति मैं नही दे सकता  शीघ्र ही समस्त साम्रज्य में फ़ैल जायेगी और जो किसी प्रयास से शांत न हो सकेगी।  --------------------- मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि जो कुछ मैंने कहा है , उसका पूर्णतः पालन होगा। 

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