राणा धीर धरम रखवाला - थुं रजवट रावट वाला !
वीर प्रताप राम रा पोता - जस रा जगत उजाला !!
भलां पालणो ,खलां खपाणो , चौसठ घडी आप रा चाल़ा !
दो दरयाव तरयो एक साथै , चेटक चढ़बा वाला !
खम्या क्रोड़ दुःख छोड़ सभी सुख - खम्या न खोट खबला !
मेवाडा मेवाड़ बनाई - रजवट री पठशाला !
एडी ठोड दियो न अंगूठो - बढतो गयो बढ़ला !!
थारो नाम कान सुन होवे ,- मुकन मद दांताला !
मिनख पणों सिखायो सागे - मनख मात्र रा वाला !!
खोटा री छाती में खटके - सात हाथ रा भाला !
एकलिंग रै रिया आसरे - दिया दुश्मण टाला !!
वीर प्रताप राम रा पोता - जस रा जगत उजाला !!
भलां पालणो ,खलां खपाणो , चौसठ घडी आप रा चाल़ा !
दो दरयाव तरयो एक साथै , चेटक चढ़बा वाला !
खम्या क्रोड़ दुःख छोड़ सभी सुख - खम्या न खोट खबला !
मेवाडा मेवाड़ बनाई - रजवट री पठशाला !
एडी ठोड दियो न अंगूठो - बढतो गयो बढ़ला !!
थारो नाम कान सुन होवे ,- मुकन मद दांताला !
मिनख पणों सिखायो सागे - मनख मात्र रा वाला !!
खोटा री छाती में खटके - सात हाथ रा भाला !
एकलिंग रै रिया आसरे - दिया दुश्मण टाला !!
ऐसे दिव्य पुरुषों की आज के समाज को बहुत जरूरत है।
ReplyDeleteजो दृढ राखै धरम को ,
ReplyDeleteतांही राखै करतार ।।
बावजी चतरसिंह जी रौ लिख्योङौ अंजसजोग वीरगीत......
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