Wednesday, October 3, 2012

शेखावाटी का प्राचीन इतिहास

                                   

                                   शेखावाटी का प्राचीन इतिहास    

आमेर (जयपुर ) के शासक कछवाहा राजवंश से प्रादुर्भूत शेखावत क्षत्रियों ने अपने मूल स्थान 

अमरसर से उठ कर विगत तीन सौ वर्षों के लम्बे समय (स .1500-1800 विक्रमी ) से शनैः 

शनैः उन समस्त प्रान्तों को ,उन के तत्कालीन शासकों से जीत कर अपने अधिकार में किया 

और तभी से यह अनेक परगनों वाला विशाल भूभाग शेखावाटी नाम से प्रसिद्ध हुआ।

           किन्तु इस से पहले यह भूभाग किस नाम से जाना जाता था, इस पर किन राजवंशो ने 

शासन किया, इस पर सबसे पहले ठाकुर सुरजन सिंघजी झाझड की पुस्तक "शेखावाटी का 

प्राचीन इतिहास" नामक पुस्तक से प्रकाश पड़ता है। इस पुस्तक का नम्र निवेदन स्वयम 

ठा . सुरजन सिंह जी व भूमिका डॉ . उदयवीर जी शर्मा द्वारा लिखित यहाँ ज्यों कि त्यों उध्रत 

है, 

                                                          नम्र निवेदन

राजस्थान का मरुभूमि वाला  पुर्वोतरी एवम पश्चिमोतरी विशाल भूभाग वैदिक सभ्यता के 

उदय का उषा काल माना जाता है। हजारों वर्ष पूर्व भूगर्भ में विलुप्त वैदिक नदी सरस्वती यहीं 

पर प्रवाह मान थी, जिसके पावन तटों पर   तपस्यालीन आर्य ऋषियों ने वेदों के सूक्तों की 

सरंचना की थी।सिधुघाटी सभ्यता के  अवशेषों एवं विभिन्न संस्कृतियों के परस्पर मिलन 

,विकास उत्थान और पतन की रोचक एवं रोमंचक गौरव गाथाओं को अपने विशाल अंचल में छिपाए यह मरुभूमि 


3 comments:

  1. स्व.ठाकुर साहब द्वारा लिखी यह पुस्तक "शेखावाटी का
    प्राचीन इतिहास" मैंने भी पढ़ी है :)

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  2. मदन सिंह जी, मुझे कछवाहा वंस का राज 1450 के आसपास से शुरू हुआ लगता है क्योंकि 1500 से पहले तो मेरे पूर्वज बिहार से सरदारी छोड़कर आए थे व शेखावाटी में उस समय कच्छवाहा वंश का राज था और हमें नीम का थाना के पास 1600 बीघा जमीन दी गई थी जयपुर राजघराने से, जिनके कागजात तो हमारे पास है लेकिन जमीन हमने आजतक नहीं देखी है हम उस समय यहां रोहतक हरियाणा में ही बस गए थे व आधा परिवार सतना मध्य प्रदेश में बस गया था. इसलिए इससे मुझे जितना मेरे पूर्वजों ने बताया उस हिसाब से 1450 के आसपास से यहां कछवाहा वंश का राज होना चाहिए...

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  3. मदन सिंह जी, मुझे कछवाहा वंस का राज 1450 के आसपास से शुरू हुआ लगता है क्योंकि 1500 से पहले तो मेरे पूर्वज बिहार से सरदारी छोड़कर आए थे व शेखावाटी में उस समय कच्छवाहा वंश का राज था और हमें नीम का थाना के पास 1600 बीघा जमीन दी गई थी जयपुर राजघराने से, जिनके कागजात तो हमारे पास है लेकिन जमीन हमने आजतक नहीं देखी है हम उस समय यहां रोहतक हरियाणा में ही बस गए थे व आधा परिवार सतना मध्य प्रदेश में बस गया था. इसलिए इससे मुझे जितना मेरे पूर्वजों ने बताया उस हिसाब से 1450 के आसपास से यहां कछवाहा वंश का राज होना चाहिए...

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